चल आ तू चल…
चल आ तू चल मेरे संग, दिल की
राह पर मचल ।
के खो न जाऽए कहीं, ये जिंदगी
काऽ सुहाना पल ।।
ये तारे सारे आसमाँ के आ गये
ये छा गया हैं चांद भी जमीन पर ।
मेहक उठे हैं फूल भी राहों में
तुम्हारी ताज़गी को
देख के सनम ।।
ये पंछी डाल पर है झूमते हुए
तुम्हारी चाल पर है नाचतें कहीं यहाँ ।
हवा भी गा रही है धुन ये प्यार की
तुम्हारी आशिकी को देख के सनम ।।
न जाने कितने भवरें गुनगुना रहे
न जाने कितने परवाने मिट रहे यहाँ ।
न जाने कितने जल रहे है दिल सभी
तुम्हारी इस अदा को देख के सनम ।।
- श्रीहरी
- श्रीहरी
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